उत्तर प्रदेश के रचनाकार

कुल: 516

भक्तिकाल के अलक्षित कवि।

चिश्ती संप्रदाय के संत शेख़ बुरहान के शिष्य। जौनपुर के बादशाह हुसैनशाह के आश्रित। प्रेम में त्याग और कष्टों के सुंदर वर्णन के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

लोकप्रिय गीतकार। काव्य की लगभग सभी विधाओं में सक्रिय।

कृष्णभक्त कवि। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। गोस्वामी वल्लभदास के शिष्य। मधुर भाव की भक्ति के लिए स्मरणीय।

हिंदी के अत्यंत लोकप्रिय कवि-गीतकार।

सुपरिचित कवि-लेखक और संपादक। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार और साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित।

रीतिकालीन कवि। साहित्य शास्त्र के प्रौढ़ निरूपण के लिए विख्यात।

नई पीढ़ी के लेखक और पत्रकार।

सुपरिचित कवि-पत्रकार। 'बिन जिया जीवन' शीर्षक से कविताओं की एक किताब प्रकाशित।

आधुनिक युग के सुप्रसिद्ध ललित-निबंधकार। भारतीय सांस्कृतिक चिंतन में योगदान।

आठवें दशक के कवि। अनौपचारिक रूप से जन संस्कृति मंच से संबद्ध रहे।

सन् 1950 से कविता सीखने-लिखने की शुरुआत। पहले ख़ुद को प्रगतिशील माना, फिर इस प्रकार के विशेषणों से मुक्त हुए। 'यह कैसी दुर्धर्ष चेतना' कविताओं की एकमात्र किताब।

रीतिकालीन कवि। वीरकाव्य के रचयिता।

रीतिकालीन कृष्ण भक्त कवि।

प्रसिद्ध गीतकार।

अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तीसरा सप्तक’ की कवयित्री। प्रसिद्ध साहित्यकार अजित कुमार की बहन।

स्वतंत्रता-बाद के सुपरिचित व्यंग्यकार, हास्य-नाटककार और कवि। संगीत और कला-लेखन में भी योगदान।

नवें दशक के महत्त्वपूर्ण कवि। लोक-संवेदना और जन-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। जनवादी लेखक संघ से संबद्ध।

सुपरिचित कवि।

द्विवेदीयुगीन निबंधकार और अनुरचनाकर। विदेशी व्यक्तित्वों के जीवनी-लेखक के रूप में भी योगदान।

समादृत कवि-लेखक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और कथाकार। अपने जनवादी विचारों के लिए प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

सुपरिचित कवयित्री। 'पैबंद की हँसी' और 'चाँद का शरगा' शीर्षक से दो कविता-संग्रह प्रकाशित।

सुपरिचित कवि, समीक्षक, संस्कृतिकर्मी व पत्रकार।

सुपरिचित कवयित्री।

कमलेश

1938 - 2015

सातवें दशक के कवि। ‘जरत्कारु’ शीर्षक कविता-संग्रह और समाजवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित कवयित्री।

सुप्रसिद्ध हास्य कवि।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

अकविता आंदोलन के समय उभरे हिंदी के प्रतिष्ठित कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

कबीर

1398 - 1518

मध्यकालीन भक्ति-साहित्य की निर्गुण धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा) के अत्यंत महत्त्वपूर्ण और विद्रोही संत-कवि।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए