मथुरा के रचनाकार

कुल: 30

सोलहवीं सदी के भक्त कवि। श्रीभट्ट के शिष्य। 'निंबार्क संप्रदाय' से संबद्ध। 'ब्रजभाषा में रचित ग्रंथ 'महावाणी' के लिए स्मरणीय।

हरिवंश के शिष्य और राधावल्लभ संप्रदाय में दीक्षित। ज्ञान, वैराग्य और भक्ति के साथ ही तत्त्व-निरूपण के लिए स्मरणीय।

टीकाकार और भक्त कवि।

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