लखनऊ के रचनाकार

कुल: 20

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और अनुवादक। अपनी पत्रकारिता और कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

रीतिबद्ध कवि। नायिकाभेद के अंतर्गत प्रेमक्रीड़ा की सुंदर कल्पनाओं के लिए प्रसिद्ध।

रीतिकाल के महत्त्वपूर्ण कवि। 'नवरसतरंग' कीर्ति का आधार ग्रंथ। भावों का सरस प्रवाह और गहरी भावुकता, चित्रांकन की मार्मिकता, और चित्रण की संश्लिष्टता के लिए ख्यातनाम।

नई पीढ़ी के लेखक और दास्तानगो।

इतिहासकार, आलोचक और निबंध लेखक। 'मिश्र बंधु विनोद' के रचनाकारों में से एक।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक और कलाकार।

रीतिकालीन संधि कवि। सतनामी संप्रदाय से संबद्ध। जगजीवनदास के शिष्य। भाषा में भोजपुरी का पुट।

वास्तविक नाम कुंदनलाल। सखी संप्रदाय में दीक्षित होकर ललित किशोरी नाम रखा। कृष्ण-भक्ति से ओत-प्रोत सरस पदों के लिए स्मरणीय।

सुपरिचित लेखिका। सामाजिक कार्यकर्ता। स्त्रीवादी आलोचना में सशक्त हस्तक्षेप।

‘तय तो यही हुआ था’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। कम आयु में दिवंगत। मरणोपरांत भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी के प्रसिद्ध कवि-लेखक और संपादक। हरिवंश राय बच्चन से निकटता के लिए भी चर्चित

नई पीढ़ी के रचनाकार।

रीतिकालीन कृष्णभक्त कवि।

सुपरिचित कवयित्री। विभिन्न प्रकाशन-स्थलों पर रचनाएँ प्रकाशित। लखनऊ से साहित्यिक संस्था 'सुख़न चौखट' का संचालन।

सुपरिचित कवयित्री और आलोचक। 'चौथा सप्तक’ में शामिल।

आठवें दशक में उभरे कवि, कथाकार और कला-आलोचक। भारत भारतभूषण पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी की सुपरिचित कवयित्री।

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