लखनऊ के रचनाकार

कुल: 24

रीतिकालीन संधि कवि। सतनामी संप्रदाय से संबद्ध। जगजीवनदास के शिष्य। भाषा में भोजपुरी का पुट।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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