नागौर के रचनाकार

कुल: 8

विश्नोई संप्रदाय के संस्थापक। पर्यावरणविद् और वैष्णव भक्ति के पोषक कवि।

उत्तर भारत में 'निरंजनी संप्रदाय' के संस्थापक। वाणियों में हठयोग और रहस्यवाद की छाप। भाषा सरल और प्रवाहपूर्ण।

रीतिकाल के नीतिकवि। हिंदी के पहले संबोधन काव्य के रचयिता। 'राजिया' को संबोधित सोरठों के लिए समादृत।

नई पीढ़ी के कवि।

चर्चित कवि-लेखक। आलोचना और संपादन में भी सक्रिय।

राजस्थान के किसान परिवार में जन्म। आडंबरहीन, सरल व सीधी भाषा में ज्ञान मार्ग के गूढ़ तथ्यों को जनमानस के सामने रखा जिससे साधारण व बिना पढ़ा व्यक्ति भी मुक्ति का मार्ग अपना सके।

राजस्थान के जाट परिवार में जन्म। संत चतुरदास की शिष्या और मीरा की समकालीन। पदों में भक्ति की सरल अभिव्यक्ति।

सुप्रसिद्ध राजस्थानी कवि और संपादक। लंबी कविताओं के लिए उल्लेखनीय।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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