पंजाब के रचनाकार
कुल: 8
गुरु अमरदास
सिक्ख धर्म के तीसरे गुरु और आध्यात्मिक संत। जातिगत भेदभाव को समाप्त करने और आपसी सौहार्द स्थापित करने के लिए 'लंगर परंपरा' शुरू कर 'पहले पंगत फिर संगत' पर ज़ोर दिया।
भाई गुरुदास
आदिग्रंथ को सबसे पहले इन्होंने लिपिबद्ध किया। संस्कृत, ब्रजी, पंजाबी और फ़ारसी के ज्ञाता। इनके द्वारा हिंदी भाषा में रचित कवित-सवैयों को गुरु अर्जुनदेव ने 'गुरुबानी की कुंजी' कहा है।
भाई वीर सिंह
पंजाबी भाषा के समादृत कवि-साहित्यकार एवं संपादक। सिख साहित्य में योगदान। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
गुरुदयाल सिंह
हरिंदर सिंह महबूब
सुपरिचित पंजाबी कवि और सिख धर्मज्ञानी। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
सोहन सिंह मीशा
आधुनिक पंजाबी कविता के प्रमुख रोमांटिक, यथार्थवादी कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।