मध्य प्रदेश के रचनाकार

कुल: 57

केशव

1555 - 1617

भक्तिकाल और रीतिकाल के संधि कवि। काव्यांग निरूपण, उक्ति-वैचित्र्य और अलंकारप्रियता के लिए स्मरणीय। काव्य- संसार में ‘कठिन काव्य के प्रेत’ के रूप में प्रसिद्ध।

समादृत कवि। अपने गांधीवादी विचारों और संवेदना के लिए उल्लेखनीय। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी के अत्यंत लोकप्रिय कवि-लेखक-नाटककार। अपनी ग़ज़लों के लिए विशेष चर्चित।

भक्तिकालीन रीति कवि। प्रौढ़ और परिमार्जित काव्य-भाषा और नायिका भेद के लिए प्रसिद्ध।

सातवें दशक के समादृत कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि और गद्यकार। 'इसी काया में मोक्ष' और 'इतिहास में अभागे' शीर्षक दो कविता-संग्रह प्रकाशित।

हिंदी के चर्चित कवि-कथाकार और अनुवादक। 'आलाप में गिरह'. 'न्यूनतम मैं', 'ख़ुशियों के गुप्तचर' शीर्षक से तीन कविता-संग्रह प्रकाशित। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी के सुपरिचित कवि-लेखक। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

कवि, लेखक और पत्रकार। साहित्य-संसार में 'एक भारतीय आत्मा' के नाम से स्मरणीय।

सूफ़ी कवि। राजस्थानी मिश्रित ब्रजभाषा का प्रयोग।

हिंदी के अत्यंत उल्लेखनीय कवि-कथाकार।

सुपरिचित कवि। ‘स्त्री मेरे भीतर’ कविता-संग्रह के लिए विशेष ख्याति।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

वास्तविक नाम पृथ्वीसिंह। प्रेम की विविध दशाओं और चेष्टाओं के वर्णन पर फ़ारसी शैली का प्रभाव। सरस दोहों के लिए स्मरणीय।

रामानंद के बारह शिष्यों में से एक। जाति-प्रथा के विरोधी। सैन समुदाय के आराध्य।

सुपरिचित कवयित्री। स्त्रीवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

छायावाद से संबद्ध कवि-लेखक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी के समादृत कवि-कथाकार और आलोचक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

सुपरिचित हिंदी कवि-कथाकार और विचारक। ‘समास’ पत्रिका के संपादक।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार और साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के चर्चित कवि-लेखक।

सुपरिचित कवि-लेखक। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित कवि-लेखक। चार कविता-संग्रह प्रकाशित।

इस सदी में सामने आईं हिंदी कवयित्री और गद्यकार। भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित।

सातवें दशक के कवि। आलोचना-कर्म में भी सक्रिय रहे।

ओरछा नरेश पृथ्वीसिंह के आश्रित कवि। आचार्यत्व सामान्य, भाषा सरल और उदाहरण सहज हैं।

आधुनिक भारतीय चित्रकला के एक बोहेमियन कलाकार। कविता और कवियों से आत्मीय संबंध।

सुपरिचित कवि।

नवें दशक में उभरे कवि। कथा-लेखन और संपादन में भी सक्रिय।

नवें दशक की महत्त्वपूर्ण कवयित्री। ‘एक क़स्बे के नोट्स’ शीर्षक उपन्यास के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित

इस सदी में सामने आए कवि। ‘अनाज पकने का समय’ शीर्षक कविता-संग्रह के लिए चर्चित।

नई पीढ़ी की कवयित्री। स्त्रीवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

संस्कृत और हिंदी के समादृत कवि-कथाकार-आलोचक और अनुवादक। ‎साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि-लेखक।

सातवें दशक के अल्पचर्चित-अलक्षित हिंदी कवि-लेखक।

छायावादी कवि और गद्यकार।

सुपरिचित कवि, दार्शनिक और अनुवादक। बाल-साहित्य में भी उल्लेखनीय योगदान

सुपरिचित कवयित्री-कथाकार और अनुवादक। संस्कृत भाषा, नृत्य और रंगमंच में भी सक्रियता।

मनरंगीर के शिष्य। स्वानुभूति के बल पर आध्यात्मिक आदर्श का निरूपण करने वाले संत कवि।

नवगीत काव्यधारा के प्रमुख कवियों में से एक युयुत्सावादी कवि। क्रांतिकारी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

‘तय तो यही हुआ था’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। कम आयु में दिवंगत। मरणोपरांत भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

सातवें दशक के सुपरिचित कवि-आलोचक और अनुवादक। ‘साक्षात्कार’ पत्रिका के संपादक के रूप में भी चर्चित रहे।

सुपरिचित कवि। आलोचना में भी सार्थक हस्तक्षेप के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी के कवि-आलोचक।

अज्ञेय द्वारा संपादित ‘दूसरा सप्तक’ के कवि।

इस सदी में सामने आए हिंदी कवि। रंगमंच से भी संबद्ध।

मलय

1929 - 2024

सातवें दशक के कवि। आलोचना और कहानियाँ भी लिखीं।

‘लौटने के लिए जाना’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। आलोचना में भी सक्रिय।

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