दिल्ली के रचनाकार

कुल: 146

पुरातत्वविद और कला-इतिहासकार। भारतीय कला-समीक्षा में उल्लेखनीय योगदान।

'चरणदासी संप्रदाय' के प्रवर्तक। योगसाधक संत। जीवन-लक्ष्य साधने हेतु कृष्ण-भक्ति के साथ अष्टांग योग पर बल देने के लिए स्मरणीय।

हिंदी के प्रथम महाकवि। वीरगाथा काल से संबद्ध। ‘पृथ्वीराज रासो’ कीर्ति का आधार-ग्रंथ।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

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