दिल्ली के रचनाकार

कुल: 88

सूफ़ी संत, संगीतकार, इतिहासकार और भाषाविद। हज़रत निज़ामुद्दीन के शिष्य और खड़ी बोली हिंदी के पहले कवि। ‘हिंदवी’ शब्द के पुरस्कर्ता।

पंजाबी की लोकप्रिय कवयित्री-लेखिका। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

हिंदी के प्रथम महाकवि। वीरगाथा काल से संबद्ध। ‘पृथ्वीराज रासो’ कीर्ति का आधार-ग्रंथ।

आधुनिक हिंदी कविता के अग्रणी कवियों में से एक। अपनी कहानियों और डायरी के लिए भी प्रसिद्ध।

रीतिकालीन काव्य-धारा के महत्त्वपूर्ण कवि। रीतिमुक्त कवियों में से एक। आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा ‘साक्षात् रसमूर्ति’ की उपमा से विभूषित।

रहीम

1556 - 1627

भक्तिकाल के प्रमुख कवि। व्यावहारिक और सरल ब्रजभाषा के प्रयोग के ज़रिए काव्य में भक्ति, नीति, प्रेम और शृंगार के संगम के लिए स्मरणीय।

समादृत कवि-गद्यकार और अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि-आलोचक और संस्कृतिकर्मी। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

जनवादी विचारों के चर्चित क्रांतिकारी कवि। भोजपुरी में भी लेखन।

पंजाबी के सुप्रतिष्ठित कवि, आलोचक, अनुवादक और संस्कृति-समीक्षक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि-लेखक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

‘नई कहानी’ की स्त्री-त्रयी की समादृत कथाकार। ‘आपका बंटी’ के लिए बहुप्रशंसित।

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और अनुवादक। अपनी पत्रकारिता और कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि। अपने जनवादी विचारों के लिए प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। कविता का एक अलग मुहावरा गढ़ने और काव्य-विषय-वैविध्य के लिए उल्लेखनीय।

सुप्रसिद्ध हास्य कवि।

गंग

1538 - 1625

अकबर के नवरत्नों में से एक। भक्ति और नीति-कवि। सरस हृदय की रमणीयता और अन्योक्तियों में वाग्वैदग्ध्य के लिए प्रसिद्ध।

सातवें दशक के कवि और पत्रकार। अलग ढंग की कुछ कहानियाँ भी लिखीं।

अकविता आंदोलन के समय उभरे हिंदी के प्रतिष्ठित कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

मलयज

1935 - 1982

हिंदी के उल्लेखनीय कवि-आलोचक। अपनी डायरियों के लिए विशेष चर्चित, लेकिन अब अलक्षित।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत आलोचक और विचारक। समय-समय पर कथा और कविता-लेखन भी।

सुपरिचित कवि। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक। जन संस्कृति मंच से संबद्ध।

बीसवीं सदी के अंतिम वर्षों में उभरे कवि। कम आयु में दिवंगत।

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और नाटककार। अपनी पत्रकारिता के लिए भी प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी की चर्चित कवयित्री। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि-कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। व्यंग्य में भी उल्लेखनीय योगदान।

वृंद

1643 - 1735

रीतिकालीन नीतिकवि। सूक्तिकार के रूप में स्मरणीय।

समादृत कथाकार। समय-समय पर काव्य-लेखन भी।

रीतिकालीन नखशिख परंपरा के कवि।

नई पीढ़ी के कवि। पत्रकारिता से भी संबद्ध।

नई पीढ़ी की कवयित्री। स्त्रीवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

हिंदी कवि-कथाकार और अनुवादक। ‘कश्मीरनामा’ शीर्षक पुस्तक के लिए चर्चित।

भारतेंदुयुगीन रचनाकार। 'हिंदुस्तान', 'भारत प्रताप' और 'भारतमित्र' आदि पत्र-पत्रिकाओं के संपादक। 'शिवशंभू का चिट्ठा' व्यंग्य रचना कीर्ति का आधार।

भक्तिकालीन निर्गुण मत की स्त्री संत। 'बावरी संप्रदाय' की संस्थापिका।

'चरनदासी संप्रदाय' से संबंधित संत चरणदास की शिष्या। कविता में सर्वस्व समर्पण और वैराग्य को महत्त्व देने के लिए स्मरणीय।

सुप्रसिद्ध आलोचक, रंग-समीक्षक और गद्यकार। उनकी स्मृति में ‘देवीशंकर अवस्थी स्मृति सम्मान’ प्रदान किया जाता है।

सुपरिचित कवि-लेखक। बाल-साहित्य में योगदान के लिए भी उल्लेखनीय।

सातवें दशक के कवि-लेखक। समाजवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित कवि-आलोचक-अनुवादक और संपादक।

अमृता प्रीतम के जीवन-साथी के रूप में चर्चित कवि-चित्रकार।

कमलेश

1938 - 2015

सातवें दशक के कवि। ‘जरत्कारु’ शीर्षक कविता-संग्रह और समाजवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

आठवें दशक के कवि। अनौपचारिक रूप से जन संस्कृति मंच से संबद्ध रहे।

सुपरिचित कवि-पत्रकार। 'बिन जिया जीवन' शीर्षक से कविताओं की एक किताब प्रकाशित।

इस सदी में सामने आईं हिंदी की प्रमुख कथाकार। समय-समय पर काव्य-लेखन भी।

सुपरिचित कवि। गद्य-लेखन और साहित्यिक पत्रकारिता में भी सक्रिय।

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