बेटी की माँ होना

beti ki man hona

स्वाति मेलकानी

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बेटी की माँ होना

स्वाति मेलकानी

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    बेटी की माँ होना

    जैसे दूर क्षितिज पर

    एक नन्ही चिड़िया के साथ

    देर तक उड़ना...

    या

    समुद्र की

    अतल गहराइयों में

    एक चुलबुली

    रंगीन मछली के

    साथ-साथ तैरना

    बेटी की माँ होना

    जैसे ओस से भीगी

    हरी घास में

    चमकीली आँखों वाले

    सफ़ेद ख़रग़ोश के साथ

    दौड़ना, कूदना, रुकना, चलना...

    बेटी की माँ होना

    जैसे अपने

    छूट गए हिस्सों को

    फिर से पढ़ना

    बेटी की माँ होना

    जैसे

    आकाश में प्रचंड सूर्य

    और अतल सागर में मगर से डरना...

    बेटी की माँ होना

    जैसे

    अबूझ सौंदर्य से

    भरे हुए वन में

    नरभक्षी शेर की

    कल्पना से

    भयभीत होकर

    दबे पाँव चलना...

    बेटी की माँ होना

    जैसे

    ब्रह्मांड की

    हर चिड़िया

    मछली

    और ख़रग़ोश की

    सलामती की दुआ करना

    स्रोत :
    • रचनाकार : स्वाति मेलकानी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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