उस प्रेमी के नाम चार नसीहतें जिससे मेरी जगह ली

us premi ke nam chaar nasihten jisse meri jagah li

मनमीत सोनी

मनमीत सोनी

उस प्रेमी के नाम चार नसीहतें जिससे मेरी जगह ली

मनमीत सोनी

और अधिकमनमीत सोनी

     

    एक

    चाहना उसे आम आदमी की तरह
    अकेले छोड़कर कविताएँ लिखने मत बैठ जाना
    मॉल में जाना उसके साथ फ़िल्म देखना
    उसके कपड़ों में इंटरेस्ट लेना उसकी तस्वीरें खींचना
    आइसक्रीम-पॉपकॉर्न-नारियल पानी वाले सारे चोंचले करना
    उसकी अपब्रिंगिंग की बात करो तो पैट्रीआर्की को बीच में मत ले आना
    जहाँ तक हो सके उसकी हाँ में हाँ मिलाना 
    और कहना कि तुम जो कहती हो सही ही कहती हो

    वरना एक दिन छोड़कर चली जाएगी!

    दो

    एक आँगन होगा
    तो
    दरार भी पड़ेगी

    दरार में से
    कोशिश करना
                      फूल खिले

    दीवार न उठे।

    तीन

    जंगलियों की तरह प्यार करना
    लड़ना कभी
    तो सभ्यता के दायरों में लड़ना।

    चार

    इतना छोटा भी नहीं है जीवन
    कि किसी एक पर आकर ठहर जाए।

    इतना बड़ा भी नहीं है जीवन
    कि किसी दूसरे खोज में फिर से भटका जाए।

    पाँच

    कभी वह किसी दोराहे पर आ खड़ी ही हो
    तो उसे
    तुम्हें छोड़कर जाने की हिम्मत देना यार...

    स्रोत :
    • रचनाकार : मनमीत सोनी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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