मैं और वह

main aur wo

अनीता वर्मा

अनीता वर्मा

मैं और वह

अनीता वर्मा

और अधिकअनीता वर्मा

    मेरा एक मैं

    रहता है इस दुनिया में

    लड़ता हुआ पराजित धूल झाड़ता

    सुबह साहस के साथ बिस्तर की तरह

    दिन समेटने को तैयार

    शाम ठंडे सूरज-सा निस्तेज

    रात के भीतर खोजता अपनी कठिन यात्रा के पड़ाव

    ठीक इसी के पीछे खड़ा है वह

    जो सबसे अच्छा अभिनेता है

    जो नदियों को पीता है पहाड़ों को गुम करता है

    पेड़ों से चुरा लेता है उनकी फुसफुसाहट

    जो जेब में भर लेता है हमारी ख़ुशी

    और पीसता चबाता रहता है समय को

    जिसका मनुष्यहीन इस समय से है गुपचुप समझौता

    जो बहस नहीं करता दलीलें नहीं देता करता नहीं विरोध

    डरपोक शातिर और कातर

    जिसने दुनिया को किया नहीं ख़ारिज

    काटे नहीं इसके पैसे वाले पैर

    जो हवा में झपटती चील की तरह काले हैं

    वह जो पीछे खड़ा है

    उसे किसी का इंतज़ार नहीं

    उसी के पीछे खड़ी हूँ मैं

    और मेरे पीछे फिर खड़ा है वह

    स्रोत :
    • पुस्तक : एक जन्म में सब (पृष्ठ 41)
    • रचनाकार : अनीता वर्मा
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 2003

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