लव जेहाद

lawa jehad

फ़िरोज़ ख़ान

फ़िरोज़ ख़ान

लव जेहाद

फ़िरोज़ ख़ान

और अधिकफ़िरोज़ ख़ान

     

    एक

    वे घने ऊँचे लहराते दरख़्तों वाले शहर थे
    टोलों और मुहल्लों वाले
    मुहल्लों में घर थे
    घरों की छतें थीं
    छतों पर मुँडेरें
    मुँडेरों के बीच उठती थीं पतंगें
    और आसमान में बना देती थीं कोई इंद्रधनुष
    माँझों की बाँहें थामे तैरती रहती थीं आसमानों में
    देर तलक

    पतंगें दोस्त थीं
    दुश्मन भी
    दुश्मनी ऐसी न थी कि काट दें किसी का माँझा तो धड़ाम से गिरा दें नीचे
    हारी हुई पतंगें ऐसे लहराके गिरती थीं
    जैसे कोई मीराँ अपने किशन की मूरत के सामने तवाफ़ करती आती हो।

    दो

    शहर में मुहल्ले थे
    मुहल्लों में जातियाँ थीं, धरम थे
    मस्जिदें थीं, मंदिर थे मुहल्लों में
    घर थे, घरों की छतें थीं
    छतों पर मुँडेरें थीं
    लेकिन मुँडेरों के कोई मज़हब नहीं थे

    मुँडेरों पर थे दीवाने
    और थीं सपनीली आँखों वाली लड़कियाँ
    लड़कियों की मुँडेरों पर गिरती थीं पतंगें
    और जब चूम लेती थीं उनके क़दम
    तो जीत जाते थे हारे हुए दीवाने पतंगबाज़

    पतंगें जो बन जाती थीं प्रेम-पत्र
    प्रेम में इस तरह गिरने को ही शायद कहते होंगे
    फॉल इन लव
    गिरना हमेशा बुरा नहीं होता।

    तीन

    वे अब झुलसे हुए वीरान दरख़्तों वाले शहर हैं
    शहरों में मुहल्ले हैं
    हिंदू मुहल्ले हैं 
    और मुसलमान मुहल्ले
    मुहल्लों में घर हैं
    घरों में हिंदू हैं या मुसलमान
    छतों पर मुँडेरें हैं
    मुँडेरों पर पतंगों का ख़ून
    माँझों से बँधी हैं तलवारें
    और आसमानों में चल रहा है क़त्लेआम
    माशूक़ लड़कियों की आँखों में अब चमकीले बेख़ौफ़ सपने नहीं हैं
    दीवाने बदहवास हैं
    वे जेहादी हैं या हैं रोमियो
    लड़कियों के लिए ये दुनिया अब क़त्लगाह है।

    चार

    इससे पहले कि मेरी गर्दन आपकी कुल्हाड़ी के निशाने पर हो
    तड़प रही हो धड़ से अलग किसी वीडियो में
    इससे पहले कि आपकी नफ़रत
    मेरे मरे जिस्म की बोटी कर दे
    नारों के बीच आपकी राष्ट्रभक्ति जला दे मुझको
    इससे पहले कि हरी घास लहू में डूबे
    मेरी चीख़ तैर जाए फ़िज़ा में
    तुम्हारा अट्टहास सुने और सहम जाए भेड़िया भी
    इससे पहले कि तुम दौड़ो मेरी ओर कुल्हाड़ी लेकर
    मैं बता देना चाहता हूँ कि मेरी पार्टनर का नाम रीना है
    मैं बता देना चाहता हूँ कि रीना हिंदू नहीं है।

          
    स्रोत :
    • रचनाकार : फ़िरोज़ ख़ान
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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