हम सटे थे एक दूजे से

hum sate the ek duje se

जोशना बैनर्जी आडवानी

जोशना बैनर्जी आडवानी

हम सटे थे एक दूजे से

जोशना बैनर्जी आडवानी

और अधिकजोशना बैनर्जी आडवानी

    कोहिमा के एक चर्च में हमारा विवाह हुआ

    चर्च में बेथलहम ज़ैतून की लकड़ी से बनी एक नाद के बग़ल में खड़े हम दोनों पृथ्वी के सबसे सुंदर दूल्हा-दुल्हन लग रहे थे

    दजुकोउ घाटी और जप्फ़ु चोटी पर हाथों में हाथ डाले

    घूम रहे थे हम

    अचानक...

    अचानक स्वप्न टूटा

    घड़ी देखी थी तो भोर के चार नहीं बजे थे

    यह सब स्वप्न था

    हाँ स्वप्न ही तो था

    फिर याद आया पिछली दफ़े कैसे लड़े थे हम

    साइबेरियन बाघ और तिब्बतियन भेड़िए की तरह

    दो अलग-अलग दिशाएँ थे हम

    दोनों का कोई मेल नहीं

    एक अंतरीप तो दूसरा सियालदह जंक्शन

    एक भारत का संविधान तो दूसरा संघ

    एक मणिपुर तो दूसरा पुरानी दिल्ली

    एक लोकटक झील तो दूसरा पथरीला पहाड़

    कैसे रिझाया था अर्जुन ने चित्रांगदा को

    एक शिरोई लिलि पुष्प देकर

    कैसे रिझाओगे तुम मुझे

    कोई पुष्प, कोई पत्ता, कोई बेलपत्र तक रखा मेरी हथेली पर

    आज तक तुमने

    उतना ही तो सटे थे हम एक दूसरे से जितना जलपाईगुड़ी की

    अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा है भूटान

    जैसे क्षितिज

    जैसे पिता की सुराही से सटा रहता था माँ की सूती साड़ी का फटा हुआ एक हिस्सा

    माँ सुराही को ठंडा रखने के लिए रोज़ कपड़े को गीला करके

    सुराही से लपेट देती थी

    उतनी भर ही तो महक थी तुम्हारी जैसे

    रसोई में पंच-फोरन की महक

    जैसे सक्या मठ के प्रार्थना कक्ष में फैली धूपबत्ती की महक

    जैसे शिशु के ओष्ठ पर फैली हो माँ के स्तन के दूध की महक

    तत वितत, सुषिर, घनवाद्य, अवनद्ध

    संगीत गूँजता था हमारे कानों में

    आँखें बंद करते थे हम

    और पहुँच जाते थे एक दूसरे के पास

    तितिक्षा भर शक्ति थी हमारे अंदर

    धार चढ़ रहे थे हम

    पानी उतर रहा था तीस्ता में

    उधर मैं धागा बाँध रही थी हमारे मिलन के लिए

    हम एक दिन उभरेंगे चेचक की तरह

    लाल दानों की तरह दिखेंगे

    सिरदर्द, भूख की कमी और बुख़ार की तरह

    ख़त्म हो जाएँगे एक दिन

    तुम मुझे गले से लगाओगे

    मैं तुम्हारा माथा चुमूँगी

    हम बिछड़ जाएँगे एक दिन

    पृथ्वी के शून्य में

    स्रोत :
    • रचनाकार : जोशना बैनर्जी आडवानी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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