जीवन के पाठ्यक्रम में उदासी का पाठ

jiwan ke pathyakram mein udasi ka path

अनुराग अनंत

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जीवन के पाठ्यक्रम में उदासी का पाठ

अनुराग अनंत

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    सब कुछ सिखाया गया

    पर उदास रहने की कला किसी ने नहीं सिखाई

    किसी किताब

    किसी स्कूल

    किसी विश्वविद्यालय ने नहीं पढ़ाया

    कि कैसे उदास रहा जाए कि जीवन झरती हुई बर्फ़ लगे

    उदासी में सिर में उठा कर मैं निकल जाना चाहता था

    दूर बहुत दूर

    जैसे रेगिस्तान में पानी खोजती हुई औरतें चली जाती हैं

    सिर पर मटका रखे हुए

    मुझे डराया गया उदासी से

    जबकि यह तय था कि मृत्यु की तरह आएगी उदासी

    मृत्यु की तरह ही सत्य है उदासी भी

    डराया तो मृत्यु से भी जाता है

    जबकि आएगी वह भी एकदिन

    और मैं किसी नौसिखिया की तरह चलाऊँगा गाड़ी

    और एक दुर्घटना की तरह घटित होगी मृत्यु

    रोएँगे लोग

    और मैं ठगा हुआ-सा निहारता रहूँगा अपना जीवन

    जैसे कोई फेल हुआ छात्र देखता है अपना अंकपत्र

    इसलिए अगर कोई लिख रहा है

    जीवन का पाठ्यक्रम

    तो उसमें शामिल करें उदासी का अनिवार्य पाठ

    ताकि मृत्यु की परीक्षा में

    जीवन का पर्चा अधूरा छूट जाए।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अनुराग अनंत
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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