जादूगर खेल दिखाता है

jadugar khel dikhata hai

रेखा चमोली

रेखा चमोली

जादूगर खेल दिखाता है

रेखा चमोली

और अधिकरेखा चमोली

    जादूगर खेल दिखाता है

    अपने कोट की जेब से निकालता है एक सुर्ख़ फूल

    और बदल देता है उसे पलक झपकते ही नुकीले चाक़ू में

    तुम्हें लगता है जादूगर चाक़ू को फिर से फूल में बदल देगा

    पर वह ऐसा नहीं करता

    वह अब तक जाने कितने फूलों को चाक़ुओं में बदल चुका है।

    जादूगर पूछता है कौन-सी मिठाई खाओगे?

    वह एक ख़ाली डिब्बा तुम्हारी ओर बढ़ाता है

    तुमसे तुम्हारी जेब का आख़िरी बचा सिक्का उसमें डालने को कहता है

    और हवा में कहीं मिठाई की तस्वीर बनाता है

    तुम्हारी जीभ के लार से भरने तक के समय के बीच

    मिठाई कहीं गुम हो जाती है

    तुम लार को भीतर घूटते हो

    कुछ पूछने को गला खँखारते हो

    तब तक नया खेल शुरू हो जाता है।

    जादूगर कहता है

    मान लो तुम्हारा पड़ोसी तुम्हें मारने को आए तो तुम क्या करोगे?

    तुम कहते हो, तुम्हारा पडोसी एक दयालू आदमी है

    जादूगर कहता है, मान लो

    तुम कहते हो, आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ

    जादूगर कहता है, मान लो मानने में क्या जाता है?

    तुम पल भर के लिए मानने को राज़ी होते हो

    तुम्हारे मानते ही वह तुम्हारे हाथ में हथियार देकर कहता है

    इससे पहले कि वह तुम्हें मारे, तुम उसे मार डालो

    जादूगर तुम्हारे डर से अपने लिए हथियार ख़रीदता है।

    जादूगर कहता है

    वह दिन रात तुम्हारी चिंता में जलता है

    वह पल-पल तुम्हारे भले की सोचता है

    वह तुम्हें तथाकथित उन कलाओं के बारे में बताता है

    जिनसे कई सौ साल पहले तुम्हारे पूर्वजों ने राज किया था

    वह उन कलाओं को फिर से तुम्हें सिखा देने का दावा करता है

    वह बड़े-बड़े पंडाल लगाता है

    लाउडस्पीकर पर गला फाड़-फाड़कर चिल्लाता है

    भरी दुपहरी तुम्हें तुम्हारे घरों से बुलाकर

    स्वर्ग और नर्क का भेद बताता है

    तुम्हारे बच्चों के सिरों के ऊपर पैर रखकर भाषण देता है

    तुम अपने बच्चों के कंकालों की चरमराहट सुनते ही

    उन्हें सहारा देने को दौड़ लगाते हो

    ग़ुस्से और नफ़रत से जादूगर की ओर देखते हो

    तुम जादूगर से पूछना चाहते हो उसने ऐसा क्यों किया

    इस बीच जादूगर अदृश्य हो जाता है

    उसे दूसरी जगह अपना खेल शुरू करने की देर हो रही होती है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : रेखा चमोली
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

    पास यहाँ से प्राप्त कीजिए