गपोड़ी रिश्तेदार की मृत्यु

gapoDi rishtedar ki mirtyu

मोनिका कुमार

मोनिका कुमार

गपोड़ी रिश्तेदार की मृत्यु

मोनिका कुमार

और अधिकमोनिका कुमार

    हमारे दूर के रिश्तेदार की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई,

    ख़बर सुनकर हमारे परिवार में आतंक फैल गया,

    इस तरह सड़क दुर्घटना में मारे जाने की,

    हमारे परिवार के लिए यह पहली घटना थी।

    धीरे-धीरे पता चला कि घटना-स्थल पर ही उस युवक ने दम तोड़ दिया,

    ख़ून का क़तरा नहीं बहा,

    अंदरूनी चोट बहुत गहरी रही होगी।

    ख़बर की अगली खेप ने परिवार को और आक्रांत कर दिया,

    कुछ दिनों तक वे बेआवाज़ साँस लेते हुए जीवित रहे,

    शोकाकुल और भयभीत,

    वे मृत्यु की कटु नज़र से बचना चाहते थे।

    मृत्यु जो किसी भी बात का बुरा मान कर किसी की जान ले सकती है।

    हमारे स्कूल की वार्षिक परीक्षा ने माँ को,

    और मासिक फ़ीस ने पिता जी को इस भय से जल्द ही उबार लिया था।

    बिना क़तरा ख़ून बहे,

    गहरी चोट से मर जाने के कारण,

    रिश्तेदार का वजूद जीवन की क्षणभंगुरता और

    मृत्यु की निर्ममता का उदाहरण बन गया।

    उदाहरण ही नहीं,

    वह बच्चों को रोज़ दी जाने वाली चेतावनी बन गया।

    कि सड़क पर सावधानी और बहुत सावधानी से उतरना चाहिए,

    हालाँकि उदाहरण और चेतावनी बनने से पहला उसका जीवन था,

    जो अब गौण हो चुका था।

    उसका रुतबा परिवार का सिरमौर गपोड़ी होने का था,

    और उसकी दिलचस्प गप्पें सुनकर परिवार के लोगों का

    पाव भर ख़ून बढ़ जाता था।

    स्रोत :
    • पुस्तक : आश्चर्यवत् (पृष्ठ 96)
    • रचनाकार : मोनिका कुमार
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 2018

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