हिंदी कविता के द्विजवादी प्रदेश में आपका प्रवेश दंडनीय है

hindi kawita ke dwijwadi pardesh mein aapka prawesh danDniy hai

पंकज चौधरी

पंकज चौधरी

हिंदी कविता के द्विजवादी प्रदेश में आपका प्रवेश दंडनीय है

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और अधिकपंकज चौधरी

    साहित्य अकादेमी पुरस्कार उनका

    भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार भी उनका

    कविता रोटरदम की यात्रा उनकी

    विश्व कविता सम्मेलन की यात्रा भी उनकी

    भारत भवन उनका

    महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय भी उनका

    राजकमल, राधाकृष्ण और वाणी प्रकाशन से किताबें उनकी

    साहित्य अकादेमी और भारतीय ज्ञानपीठ से भी किताबें उनकी

    नामवर सिंह, विश्वनाथ त्रिपाठी, मैनेजर पांडेय

    नंदकिशोर नवल और विजय कुमार जैसे आलोचक भी उनके

    चर्चित कवि, बहुचर्चित कवि, वरिष्ठ कवि भी उनके

    प्रसिद्ध कवि, सुप्रसिद्ध कवि, सशक्त हस्ताक्षर और महान कवि भी उनके

    कुँवर नारायण, केदारनाथ सिंह, विनोद कुमार शुक्ल

    अशोक वाजपेयी और विष्णु खरे भी उनके

    आलोकधन्वा, राजेश जोशी, मंगलेश डबराल भी उनके

    अरुण कमल, वीरेन डंगवाल, उदय प्रकाश भी उनके

    कुमार अंबुज, एकांत श्रीवास्तनव और प्रेमरंजन अनिमेष भी उनके

    'आलोचना', 'पहल', 'कसौटी' उनकी

    'नया ज्ञानोदय', 'तद्भव', 'कथादेश' और 'वागर्थ' भी उनकी

    'आउटलुक' उनकी

    'इंडिया' टुडे भी उनकी

    'जनसत्ता', 'हिंदुस्तान', 'भास्कर' उनके

    'अमर उजाला', 'प्रभात ख़बर' और 'नवभारत टाइम्स' भी उनके

    ऑल इंडिया का मंच उनका

    दूरदर्शन का भी मंच उनका

    कविता-पाठ के मंच भी उनके

    रूसी, अँग्रेज़ी, फ़्रेंच, जर्मन, स्पैनिश

    जापानी, चाइनीज और हंगारी में भी अनुवाद उनके

    अपना क्या, सारा कुछ उनका

    हिंदी कविता में सौ-सौ का आरक्षण उनका

    भारत का लोकतंत्र भले सबका

    लेकिन कविता का लोकतंत्र सिर्फ़ उनका

    सारा कच्चा माल गैर-द्विजों का

    लेकिन सारे के सारे कवि सिर्फ़ द्विजों के

    कहने को तो भारत हज़ारों जातियों, धर्मों का देश

    लेकिन हिंदी कविता पर मात्र तीन-चार जातियों का ही अवशेष

    कितने अमीर ख़ुसरो, कबीर और रैदास मर-मर जाते

    लेकिन तुलसी और निराला उठ-उठ जाते

    द्विजों का ऐसा नंगा नाच जहाँ

    गैर-द्विजों के नायक की वहाँ गुंजाइश कहाँ

    द्विजों का एकछत्र राज यहाँ

    गैर-द्विज पर भी मार सके नहीं जहाँ

    द्विजों का उर्वर प्रदेश जहाँ

    गैर-द्विजों का बंजर प्रदेश वहाँ

    द्विजों के लिए पूनम का उजाला जहाँ

    गैर-द्विजों के लिए अमावस का अँधेरा वहाँ।

    स्रोत :
    • रचनाकार : पंकज चौधरी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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