गैंगरेप

gaingrep

शुभा

शुभा

गैंगरेप

शुभा

और अधिकशुभा

    लिंग का सामूहिक प्रदर्शन

    जिसे हम गैंगरेप कहते हैं

    बाक़ायदा टीम बनाकर

    टीम भावना के साथ अंजाम दिया जाता है

    एकांत में स्त्री के साथ

    ज़ोर-ज़बरदस्ती तो ख़ैर

    सभ्यता का हिस्सा रहा है

    युद्धों और दुश्मनियों के संदर्भ में

    वीरता दिखाने के लिए भी

    बलात्कार एक हथियार रहा है

    मगर यह नई बात है

    लगभग बिना बात

    लिंग का हिंसक प्रदर्शन

    लिंगधारी जब उठते-बैठते हैं

    तो भी ऐसा लगता है

    जैसे वे लिंग का प्रदर्शन करना चाहते हैं

    खुजली जैसे बहानों के साथ भी

    वे ऐसा व्यापक पैमाने पर करते हैं

    माँ-बहन की गालियाँ देते हुए भी

    वे लिंग पर इतरा रहे होते हैं

    आख़िर लिंग देखकर ही

    माता-पिता थाली बजाने लगते हैं

    दाइयाँ नाचने लगती हैं

    लोग मिठाई के लिए मुँह फाड़े आने लगते हैं

    ये ज़्यादा पुरानी बात नहीं है

    जब फ्रायड महाशय

    लिंग पर इतने मुग्ध हुए

    कि वे एक पेचीदा संरचना को

    समझ नहीं सके

    लिंग के रूप पर मुग्ध

    वे उसी तरह नाचने लगे

    जैसे हमारी दाइयाँ नाचती हैं

    पूँजी और सर्वसत्ताओं के मेल से

    परिमाण और ताक़त में गठजोड़ हो गया

    ज़ाहिर है गुणवत्ता का मेल

    सत्ताविहीन और वंचित से होना था

    हमारे शास्त्र, पुराण, महान धार्मिक कर्मकांड,

    मनोविज्ञान, मिठाई और नाते रिश्तों के योग से

    लिंग इस तरह स्थापित हुआ

    जैसे सर्वशक्तिमान सृष्टिकर्ता

    आश्चर्य नहीं कि माँ की स्तुतियाँ

    कई बार लिंग के यशोगान की तरह सुनाई पड़ती है

    लिंग का हिंसक प्रदर्शन

    उस समय ज़रूरी हो जाता है

    जब लिंगधारी का प्रभामंडल ध्वस्त हो रहा हो

    योनि, गर्भाशय-अंडाशय, स्तन, दूध की ग्रंथियों

    और विवेकसम्मत शरीर के साथ

    गुणात्मक रूप से अलग मनुष्य

    जब नागरिक समाज में प्रवेश करता है

    तो वह एक चुनौती है

    लिंग की आकृति पर मुग्ध

    विवेकहीन लिंगधारी सामूहिक रूप में

    अपना डगमगाता वर्चस्व जमाना चाहता है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : शुभा
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

    पास यहाँ से प्राप्त कीजिए