आदमी को पहचानो उसे इज्ज़त दो

adami ko pahchano use ijzat do

सवाई सिंह शेखावत

सवाई सिंह शेखावत

आदमी को पहचानो उसे इज्ज़त दो

सवाई सिंह शेखावत

और अधिकसवाई सिंह शेखावत

    कवियो देवताओं के बखान में समय जाया मत करो

    हो सके तो आदमी को पहचानो उसे इज़्ज़त दो

    आदमी जिसने खनिजों का दोहन किया धरती में धँसकर

    जाने वनस्पतियों के गुण-धर्म औषधियों के चमत्कार

    आदमी जो ज़िद कर जुटा रहता है बुरे दिनों में भी

    और अच्छे समय में नैतिकता का पालन करता है

    आदमी जिसने नफ़रत की अज्ञान से निरी बुद्धिमता से

    समझाते हुए जल्दबाज़ हृदय को क्रोध में और प्रेम में

    आदमी जो सदय है तमाम भारवाही पशुओं के प्रति

    जो ईश्वरीय रहस्य को समझता है जीवों से प्रेम करता है

    जीवन की पुरातनता में नित नूतन उस प्रजाति का वारिस

    जो धोखा खाकर भी सरल है प्यार में एतबार में

    आदमी जो मलिन नहीं होने देता आत्मा के औदार्य को

    आदमी जो जानता है कि क्षणभंगुर हैं सभी अत्याचार

    जो भरोसा करता है परिवर्तन के शाश्वत नियम में

    अपनी रूखी त्वचा के नीचे पुरनम सुहृद दृढ़ किंतु विनम्र

    लचीली मिट्टी-सा पनाह देता उर्वर जीवन बीजों को

    बचाता निबिड अंधकार में भी जीवन के पर्णहरित को

    आदमी जो महान है अपनी सारी तुच्छताओं के बावजूद

    कोशिश करता हृदय के हलाहल में और क्षमा करता

    बूझता ब्रह्मांड के रहस्यों को माटी में मोटी रोटी में

    मर कर जो दफ़्न होता धरती की शीतोष्ण नर्म परतों में

    एक नीचाट एकांत में सिरजता ऊँचाई और साहस

    खुलता दरीचा और धुर उजली उम्मीद जीवन की।

    स्रोत :
    • रचनाकार : सवाई सिंह शेखावत
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

    पास यहाँ से प्राप्त कीजिए