जनता के पलटनि

janta ke palaTni

गोरख पांडेय

गोरख पांडेय

जनता के पलटनि

गोरख पांडेय

और अधिकगोरख पांडेय

    जनता के आवे पलटनिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    हिलेला पहड़वा हिलेला नदी तलवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    सगरे में उठेला हिलोरवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    हिले लागे एसिया हिलेला अफरीकवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    हिलेला अमेरिका लतिनिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    हिलेला यूरोपवा हिलेला अमरीकवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    हिले लागे चारों महदीपवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    लाली पलटनिया के ललकी बनूकिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    लाल-लाल फहरे निसनिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    मरकस अगुआ लेनिन बड़ अगुआ

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    माओ देखलावेलें रोसनिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    लड़लें गुलमवा लड़ेलें मजलूमवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    लड़ेलें गरीबवा बेकमवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    लड़ेलें किसनवा लड़लें मजदूरवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    लड़े मिलि खूनवा पसेनवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    लड़ेली बहिनिया लड़ेली महतरिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    लड़े सब दुख के संगरिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    लड़ेले अपढ़वा लड़ेलें पढ़गितिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    कहर मचावेलें जवनवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    ढहें महरजवा ढहन लागे रजवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    रानी करें धूरि में लोटनिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    ढहें जमींदरवा ढहेलें पूँजीपतियाँ

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    ढहेलें दललवा फिरंगिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    ढहेलें जुलुमिया ढहेलें सब खूनिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    ढहे लूटमार के कनुनिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    नकसलबड़िया से चलेले अगड़िया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    चारु के महान पलटनिया

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    सिरिककुलमवा से आवे भोजपुरवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    अब आवे तोहरे सिवनवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    बहुते नियरवा अजदिया के दिनवा

    हिलेले झकझोर दुनिया,

    तूहू लेल तीरवा कमनवा

    हिलेले झकझोर दुनिया।

    स्रोत :
    • पुस्तक : समय का पहिया (पृष्ठ 95)
    • रचनाकार : गोरख पांडेय
    • प्रकाशन : संवाद प्रकाशन
    • संस्करण : 2004

    यह पाठ नीचे दिए गये संग्रह में भी शामिल है

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

    पास यहाँ से प्राप्त कीजिए